वर्क स्टेशन की दिशा और स्थान का चयन
वर्क फ्रॉम होम के समय सही फर्नीचर और उसके स्थान का चयन बहुत जरूरी है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, वर्क स्टेशन (टेबल और कुर्सी) को घर के उत्तर या पूर्व दिशा में रखना सबसे अच्छा माना जाता है। इससे सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और काम में मन भी लगा रहता है। भारतीय संस्कृति में दिशाओं का विशेष महत्व है, इसलिए ऑफिस टेबल और चेयर रखने से पहले नीचे दी गई बातों का ध्यान रखें:
वास्तु के अनुसार सही दिशा
दिशा | लाभ |
---|---|
उत्तर (North) | सकारात्मक ऊर्जा, धन और तरक्की में सहायक |
पूर्व (East) | एकाग्रता बढ़ाने वाली, नई सोच और ताजगी लाने वाली |
वर्क स्टेशन का स्थान कैसे चुनें?
- अपने घर में ऐसी जगह चुनें जहां प्राकृतिक रोशनी अच्छी तरह आती हो।
- पीठ पीछे दीवार होनी चाहिए ताकि आपको सुरक्षा और स्थिरता का एहसास हो।
- कभी भी वर्क टेबल को दरवाजे या खिड़की की सीधी लाइन में न रखें। यह ध्यान भंग कर सकता है।
- अगर मुमकिन हो तो घर के पूजा स्थान या मंदिर के पास वर्क स्टेशन न रखें।
- टेबल पर हमेशा साफ-सुथरे और व्यवस्थित चीजें ही रखें, अनावश्यक वस्तुएं हटा दें।
संक्षिप्त सुझाव तालिका
क्या करें? | क्या न करें? |
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उत्तर/पूर्व दिशा चुनें | दक्षिण-पश्चिम दिशा से बचें |
प्राकृतिक रोशनी वाली जगह चुनें | अंधेरी या संकरी जगह न लें |
दीवार के सामने बैठें | पीछे खिड़की/दरवाजा न रखें |
टेबल साफ-सुथरी रखें | अव्यवस्था से बचें |
भारतीय गृहों के लिए विशेष टिप्स:
- अगर आपके पास सीमित जगह है तो फोल्डेबल टेबल्स का उपयोग कर सकते हैं।
- पूजा घर से दूरी बनाए रखें ताकि पवित्रता बनी रहे।
- घर की रसोई या बेडरूम में वर्क स्टेशन बनाने से बचें।
- दीवार पर प्रेरणादायक चित्र या भगवान की तस्वीर लगाएं जिससे सकारात्मक ऊर्जा मिले।
2. फर्नीचर की सामग्री और रंग का महत्व
वर्क फ्रॉम होम के लिए सही फर्नीचर चुनना सिर्फ आराम के लिए ही नहीं, बल्कि वास्तु के अनुसार भी महत्वपूर्ण है। भारतीय संस्कृति में लकड़ी के फर्नीचर को शुभ माना जाता है, क्योंकि यह प्राकृतिक ऊर्जा को बनाए रखता है और सकारात्मकता लाता है। इसके अलावा, हल्के या प्राकृतिक रंगों का चयन आपके मानसिक स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव डालता है। ऐसे रंग न सिर्फ मन को शांत रखते हैं, बल्कि कार्य में ध्यान केंद्रित करने में भी मदद करते हैं। नीचे एक सारणी दी गई है जिससे आप सामग्री और रंग का चयन आसानी से कर सकते हैं:
फर्नीचर की सामग्री | वास्तु के अनुसार लाभ | अनुशंसित रंग |
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लकड़ी (टीक, शीशम, सागवान) | सकारात्मक ऊर्जा, स्थायित्व, घर में समृद्धि | हल्का भूरा, बेज, क्रीम, सफेद |
धातु (लोहे या स्टील) | कभी-कभी बेचैनी और अस्थिरता ला सकता है | गहरे या चमकीले रंग से बचें |
प्लास्टिक या सिंथेटिक | प्राकृतिक ऊर्जा में बाधा, कम अनुशंसित | चटक या गहरे रंगों से बचें |
लकड़ी के फर्नीचर का चुनाव हमेशा शुभ रहता है और हल्के या प्राकृतिक रंगों का उपयोग मानसिक शांति एवं कार्य में ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। भारतीय घरों में ये दोनों बातें खास तौर पर मानी जाती हैं, जिससे घर का माहौल सकारात्मक और काम के लिए प्रेरणादायक बना रहता है। इसलिए जब भी आप अपने वर्क फ्रॉम होम स्पेस के लिए फर्नीचर चुनें, तो इन बातों का ध्यान जरूर रखें।
3. कम्फर्ट और एर्गोनोमिक्स पर ध्यान
वर्क फ्रॉम होम में आरामदायक और एर्गोनॉमिक फर्नीचर का महत्व
घर से काम करने के लिए जब आप फर्नीचर चुनते हैं, तो सबसे जरूरी बात है कि वह आपके शरीर को पूरा समर्थन दे। वास्तु शास्त्र के अनुसार संतुलन बनाए रखना सिर्फ दिशा या ऊर्जा तक सीमित नहीं है, बल्कि आपके स्वास्थ्य और उत्पादकता से भी जुड़ा हुआ है। आरामदायक एवं एर्गोनॉमिक फर्नीचर उत्पादकता बढ़ाते हैं और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को कम करते हैं, जो वास्तु के अनुसार संतुलन बनाए रखने में सहायक हैं।
फर्नीचर में कम्फर्ट और एर्गोनोमिक्स क्यों जरूरी?
- लंबे समय तक बैठने से पीठ दर्द, गर्दन की समस्या, और थकान हो सकती है।
- अच्छा फर्नीचर सही पॉस्चर देता है जिससे एकाग्रता बनी रहती है।
- वास्तु के अनुसार, सही ऊंचाई और स्थिति में बैठना सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है।
काम के लिए उपयुक्त फर्नीचर कैसे चुनें?
फर्नीचर आइटम | एर्गोनोमिक फीचर्स | भारतीय संदर्भ में सुझाव |
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चेयर (कुर्सी) | कमर व गर्दन को सपोर्ट, एडजस्टेबल हाइट, नरम कुशनिंग | लकड़ी या मेटल की मजबूत कुर्सी, कपड़े का कवर गर्मियों में बेहतर |
डेस्क (मेज़) | सही ऊंचाई, पर्याप्त लेग स्पेस, मजबूत सतह | शीशम/टीक लकड़ी की मेज़, सादा डिजाइन बेहतर माना जाता है |
फुटरेस्ट (पैर रखने का स्टैंड) | पैरों को सपोर्ट मिले, पोर्टेबल हो | लकड़ी या प्लास्टिक का हल्का फुटरेस्ट चुनें |
लैपटॉप स्टैंड/डेस्क टॉप राइज़र | स्क्रीन आई-लेवल पर रहे, पोर्टेबल डिजाइन | बांस या लकड़ी के राइज़र भारतीय घरों में लोकप्रिय हैं |
वास्तु टिप्स: फर्नीचर का स्थान और दिशा चयन
- वर्क डेस्क को उत्तर या पूर्व दिशा की ओर रखें ताकि प्राकृतिक रोशनी मिल सके।
- पीठ के पीछे दीवार हो तो मन शांत रहता है और सुरक्षा की भावना आती है।
- ध्यान रखें कि काम करते वक्त दरवाजा सीधा सामने न हो; इससे व्याकुलता कम होती है।
आरामदायक और एर्गोनॉमिक फर्नीचर न केवल आपको स्वस्थ रखते हैं बल्कि काम के समय मानसिक संतुलन भी देते हैं, जो वास्तु शास्त्र की मूल भावना के अनुरूप है। संतुलित ऊर्जा और सकारात्मक वातावरण से आपकी वर्क फ्रॉम होम जर्नी आसान हो जाएगी।
4. अनावश्यक फर्नीचर और क्लटर से बचाव
वर्क फ्रॉम होम के लिए फर्नीचर का चयन करते समय वास्तु शास्त्र में इस बात पर खास ध्यान दिया जाता है कि कार्य क्षेत्र में अनावश्यक फर्नीचर या सामान नहीं होना चाहिए। इससे ऊर्जा का प्रवाह बाधित नहीं होता और आप सकारात्मक माहौल में काम कर सकते हैं। घर के ऑफिस में जितना कम और आवश्यक फर्नीचर होगा, उतनी ही बेहतर ऊर्जा बनी रहेगी।
वास्तु अनुसार क्लटर फ्री वर्कस्पेस क्यों जरूरी है?
भारतीय संस्कृति में साफ-सफाई और व्यवस्थित जगह को हमेशा प्राथमिकता दी गई है। जब कार्यस्थल पर ज्यादा सामान या फालतू चीजें रखी जाती हैं, तो नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। यह आपके मनोबल और उत्पादकता दोनों को प्रभावित करता है।
वर्क फ्रॉम होम डेस्क के लिए क्या रखें और क्या हटाएं?
रखें (क्या जरूरी है?) | हटाएं (क्या अनावश्यक है?) |
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सिर्फ एक टेबल और कुर्सी | पुराने अखबार, बेकार कागज |
डायरी/नोटबुक, पेन-स्टैंड | टूटी हुई स्टेशनरी या डेकोरेटिव आइटम्स |
एक छोटा पौधा (तुलसी, मनी प्लांट) | फालतू इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स |
आवश्यक चार्जर या लैपटॉप स्टैंड | अनावश्यक फाइल्स या किताबें |
जरूरी टिप्स:
- हर हफ्ते अपने वर्कस्पेस की सफाई करें।
- जो चीजें रोज काम नहीं आतीं, उन्हें वहां से हटा दें।
- फर्नीचर कम से कम और मल्टीपर्पज रखें।
- अपने टेबल पर सिर्फ वही चीजें रखें जो रोज जरूरी हों।
- यदि संभव हो तो दक्षिण-पश्चिम दिशा में भारी फर्नीचर रखें और उत्तर-पूर्व दिशा खुला रखें, ताकि ऊर्जा का प्रवाह बना रहे।
इस तरह आप वास्तु के अनुसार अपने वर्क फ्रॉम होम स्पेस को पॉजिटिव एनर्जी से भरपूर बना सकते हैं और अपनी प्रोडक्टिविटी भी बढ़ा सकते हैं।
5. वर्क फ्रॉम होम क्षेत्र की साज-सज्जा
वर्क फ्रॉम होम के दौरान सिर्फ फर्नीचर का चयन ही नहीं, बल्कि अपने कार्यक्षेत्र को सही तरीके से सजाना भी बहुत महत्वपूर्ण है। भारतीय वास्तुशास्त्र के अनुसार, अगर आप अपने डेस्क पर सही चीजें रखते हैं, तो सकारात्मक ऊर्जा आकर्षित होती है और आपका मन भी काम में लगा रहता है। नीचे कुछ आसान और असरदार टिप्स दिए गए हैं:
डेस्क पर क्या रखें?
वस्तु | फायदा |
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छोटे पौधे (जैसे मनी प्लांट या तुलसी) | फ्रेशनेस लाते हैं और वातावरण को सकारात्मक बनाते हैं |
वास्तु मित्र चित्र (जैसे गणेश जी या सरस्वती माता की तस्वीर) | मानसिक शांति और शुभता का संचार करते हैं |
शुभ प्रतीकात्मक वस्तुएं (जैसे ओम् या स्वस्तिक) | नेगेटिव एनर्जी को दूर रखते हैं और अच्छे विचार लाते हैं |
सजावट के वास्तु टिप्स
- डेस्क हमेशा साफ और व्यवस्थित रखें ताकि ऊर्जा का प्रवाह बना रहे।
- डेस्क के उत्तर-पूर्व दिशा में छोटा पौधा रखना शुभ माना जाता है।
- बहुत ज्यादा रंग-बिरंगी चीजों से बचें, हल्के और शांत रंगों का प्रयोग करें।
- अपने वर्क स्पेस में प्राकृतिक रोशनी आने दें, इससे मन प्रसन्न रहता है।
- अगर संभव हो तो दीवार पर प्रेरणादायक कोट्स या मोटिवेशनल पेंटिंग लगाएं।
क्या न रखें?
- डेस्क पर टूटे-फूटे या बेकार सामान ना रखें।
- तेज गंध वाले कृत्रिम फूल या प्लास्टिक की चीजों से बचें।
- बहुत भारी या बड़े आकार की मूर्तियां ना रखें, इससे जगह घिरी हुई महसूस हो सकती है।